आत्मिक परिचय:-
सपनों के पीछे उड़ते पंखों की फड़फड़ाहट भरी आवाज में पार होता
मंजिलों का फासला ही जीवन यात्रा का वास्तवित परिचय है। उस यात्रा की
राह में हृदय की अगणित परतों बीच समायी खुद की दुनिया में जब कदम
बढ़ाता हूँ तो राह के किसी मोड़ पर खुद से मिलता है। वो खुद से खुद
का मिलन ही मेरा वास्तविक परिचय है, जो शैक्षिक, पैतृक और रोजगार के
कागजों में नाम के साथ लिखे शब्दों से कहीं ज्यादा है। मेरी पहचान
मेरे हृदय की अनन्ता मे छिपे उन शब्दों मे हैं, जो निकल कर पन्नों पर
आ गए हैं। दुनिया से बक़शीश हुई पहचान और तालीमी दस्तावेज़ों में दर्ज़
मेरी पहचान या उस तालीम से प्राप्त ओहदा मेरा असल परिचय कतई नही है।
तालीमी पर्चियों और रोज़ी के तारुफ़ में लिखे भरम से अलहदा मेरी पहचान
मेरे यह शब्द है। ख़ुद की गहराई में डूबता हुआ रूहानियत की क़रीबियत
में जो भी मैं होता हूँ वही मेरा असल परिचय है। दुनियाँ के इन एहसासो
से जब मेरी उंगलियों की पोरो का स्पर्श होता है, तब-तब मैं ख़ुद को
हासिल करता हूँ।
साहित्य यात्रा:- दो उपन्यास (दो मुसाफ़िर, वर्ष 2022) एवं (महरूम, वर्ष 2023) का सृजन। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी और समिल्लित भाषाओं में अनेक उद्धरण, कहानियाँ, कविताएँ, चिट्ठा (ब्लॉग) का सृजन।
नाम:- ज्ञान खाण्डे
आत्मज:- श्री रमेश कुमार एवं श्रीमती जड़ाव देवी
पत्नी:- श्रीमती प्रीति
आत्मिका:- जीतिशा, दीशिता
जन्म तिथि:- मार्च-1987
जन्म स्थान:- डूँगरी कलाँ
निवास:- जयपुर, राजस्थान
शैक्षिक विस्तार:-
शिक्षा:- कम्प्यूटर अभियांत्रिकी स्नातक